

भारत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के प्रावधानों के तहत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) की स्थापना 1 मार्च 2002 को की। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो का मिशन और प्राथमिक उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था की अत्यधिक ऊर्जा मांग को कम करके ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001 के समग्र ढांचे के भीतर स्व-नियंत्रण और बाजार सिद्धांतों पर जोर देते हुए नीतियां और कार्यनीतियां बनाने में सहायता प्रदान करना है।
बीईई की भूमिका
बीईई नामित उपभोक्ताओं, नामित एजेंसियों और अन्य संगठनों के साथ समन्वय करता है और ऊर्जा संरक्षण अधिनियम के तहत उसे सौंपे गए कार्यों के निष्पादन में मौजूदा संसाधनों और अवसंरचना की पहचान करता है, उनका पता लगाता है और उपयोग करता है।
बीईई के प्रमुख प्रोत्साहन कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं:
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विनियामक
"विधि, न्याय और कंपनी कार्य मंत्रालय (विधायी विभाग) नई दिल्ली द्वारा 1 अक्तूबर, 2001/ 9 आश्विन, 1923 (शक) को संसद के निम्न अधिनियम को 29 सितंबर, 2001 को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई, और इसे एतदृद्वारा सामान्य जानकारी के लिए प्रकाशित किया जाता है:-
ऊर्जा संरक्षण अधिनियम, 2001, 2001 का 52 (29 सितंबर 2001)
ऊर्जा और इसके संरक्षण के दक्ष उपयोग के लिए और इससे संबद्ध या प्रासंगिक मामलों के लिए अधिनियम प्रदान करना। इसे भारत गणराज्य के वावनवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नानुसार पारित किया जाता है:-”
अध्याय 01 |
संक्षिप्त शीर्षक, सीमा और प्रारंभण |
अध्याय 02 |
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की स्थापना और निगमन |
अध्याय 03 |
ऊर्जा प्रबंधन केंद्र की परिसंपत्तियों, देनदारियों और कर्मचारियों का स्थानांतरण |
अध्याय 04 |
ब्यूरो की शक्तियां और कार्य |
अध्याय 05 |
ऊर्जा और इसके संरक्षण के दक्ष उपयोग को लागू करने के लिए केंद्र सरकार की शक्तियां |
अध्याय 06 |
ऊर्जा के दक्ष उपयोग और इसके संरक्षण के लिए कुछ प्रावधानों को लागू करने की राज्य सरकार की शक्तियां |
अध्याय 07 |
केंद्र सरकार द्वारा अनुदान और ऋण |
अध्याय 08 |
दंड |
अध्याय 09 |
अपीलीय अधिकरण की स्थापना |
अध्याय 10 |
ब्यूरो को दिशा-निर्देश जारी करने के लिए केंद्र सरकार की शक्तियां |