
एक स्थायी जीवन के निर्माण के प्रति लोगों को उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराने के लिए जलवायु परिवर्तन और स्थायित्व को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) के प्रयासों के साथ जोड़ा जाता है। ऊर्जा दक्षता और संरक्षण को बढ़ावा देने के अपने अधिदेश के तहत, बीईई ने संरक्षण और स्थायित्व की आदत का विकास करने के लिए मल्टीमीडिया ऊर्जा जागरूकता अभियान चलाया है। इसका उद्देश्य ऊर्जा दक्षता पर जनता के बीच जागरूकता स्तर को बढ़ाना और उन्हें ऊर्जा संरक्षण को अपनाने के गुणों के बारे में बताना है। लोगों को ऊर्जा सघन उपकरणों की गुणवत्ता और मानक मुद्दों से भी अवगत कराया जाता है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय की नीति के अनुसार डीएवीपी और एनएफडीसी के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक, आउटडोर और प्रिंट माध्यम वाले मीडिया अभियान जारी किए गए थे। जिंगल जैसे ("बटन दबाओ बिजली बचाओ", एक लहर इत्यादि) वीडियो / ऑडियो स्पॉट को विभिन्न रेलवे स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों, ट्रेनों, बसों और अन्य सार्वजनिक उपयोगिता पर दूरदर्शन, टीवी चैनलों, एफएम स्टेशनों और एलईडी / एलसीडी स्क्रीन पर प्रसारित किया गया था। देश भर में जगह जगह पर एलईडी और इनवर्टर एसी, रेफ्रीजरेटर, माइक्रोवेव और वॉशिंग मशीन आदि की लेबलिंग के लिए कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए प्रिंट मीडिया में हिंदी और स्थानीय भाषाओं में ऊर्जा संरक्षण पर भी विज्ञापन जारी किए गए, बीईई ने नौवें वाइब्रेंट गुजरात, भारत में 17 से22 जनवरी, 2019 और प्रगति मैदान में 3 फरवरी 2019 से 5 फरवरी 2019 तक सीआईआई की प्रदर्शनी में भी भाग लिया, जिसका आयोजन विभिन्न नीतियों, उपलब्धियों, कार्यक्रमों, योजनाओं और गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए किया गया था।
प्रिंट मीडिया
बीईई ने हिंदी तथा स्थानीय भाषाओं में ऊर्जा संरक्षण पर विज्ञापनों के लिए कई प्रकाशन प्रकाशित किए हैं और ये ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रिंट मीडिया में भी जारी किए गए।
बीईई के प्रकाशन / प्रचार सामग्री / समाचार पत्र / पत्रिका / पुस्तकें :
- बीईईलाइन
- कॉफी टेबल बुक
- कॉर्पोरेट ब्रोशर
- प्रत्येक कार्यक्रम की पुस्तिका
- बचत के सितारे
- लघु पुस्तिका
- पोस्टर / पैम्फलेट / स्टिकर्स
- कैलेंडर्स
- कार्यक्रम की लीफलेट्स (एलईडी, इनवर्टर एसी, रेफ्रीजरेटर, माइक्रोवेव और वॉशिंग मशीन)
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की नीति के अनुसार डीएवीपी और एनएफडीसी के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक माध्यम सहित मीडिया अभियान को जारी किया गया था। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अर्थ है सूचनाओं को साझा करने के लिए प्रिंट मीडिया को छोड़कर, सभी माध्यम, जैसे रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट आदि। बीईई ने दर्शकों के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर कई कार्यक्रम साझा किए थे और व्यापक आबादी के लिए प्रसारित किए गए हैं। बीईई के जिंगल्स जैसे ("बटन दबाओ, बिजली बचाओ", एक लहर इत्यादि) वीडियो / ऑडियो स्पॉट दूरदर्शन, टीवी चैनलों, एफएम स्टेशनों पर प्रसारित किया गया था। (सभी ऑडियो / वीडियो / जिंगल्स का लिंक)
- व्यापार चैनलों में वीडियो स्पॉट; - देश भर में 900 सिनेमा हॉलों में ऊर्जा संरक्षण पर वीडियो क्लिप दिखाए गए।
- व्यापार चैनलों में लाइव / टॉक शो: -
- एफएम में रेडियो स्पॉट: - एआईआर एफएम गोल्ड पर "बचत के सितारे" के 156 एपिसोड प्रसारित किए गए।
- एसएमएस / इंटरनेट के माध्यम से संदेश: - ऊर्जा संरक्षण दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम बढ़ाने के लिए 70 लाख से अधिक लोगों के पास एक एसएमएस प्रसारित किया गया।
सोशल मीडिया
जागरूकता पैदा करने के लिए सोशल मीडिया का व्यापक प्रभाव होता है। ट्विटर, यूट्यूब और फेसबुक जैसे प्लेटफार्मों का उपयोग न केवल ब्रांडों को बढ़ावा देने और नए उत्पादों को विज्ञापित करने के लिए किया जाता है, बल्कि ये मीडिया ऊर्जा संरक्षण के प्रसार के लिए भी प्रभावी हैं।
ब्यूरो के वेब पोर्टल, फेसबुक, यूट्यूब चैनल, ट्विटर हैंडल, इंस्टाग्राम को ऊर्जा संरक्षण के संदेश के प्रसार के लिए लगातार अपडेट किया गया।
- फेसबुक
- फॉलोवर्स - 5219
- पेज लाइक्स - 5038
- ट्विटर
- फॉलोवर्स - 1474
- पोस्ट्स - 2834
- इंस्टाग्राम
- फॉलोवर्स - 554
- पोस्ट्स - 42
- यूट्यूब
- सब्स्क्राइबर्स - 624
- वीडियो - 37
आउटडोर मीडिया
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- हाल ही में हमने पीसीआरए के साथ एक दीवार पेंटिंग प्रतियोगिता के लिए एक संयुक्त कैंपिंग की योजना बनाई है।
- बीस शहरों में ऊर्जा संरक्षण के संदेशों के साथ 100 बिल बोर्ड प्रदर्शित किए गए।
- शुरुआत में महानगरीय शहर में मेट्रो-ब्रांडिंग के लिए एक अभियान शुरू किया गया।
आउटरीच कार्यक्रम
- ऊर्जा दक्षता और इसके संरक्षण पर संदेशों के प्रचार के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया का प्रभावी तरीके से उपयोग किया गया।
- आकाशवाणी के एफएम गोल्ड पर "बचत के सितारे" के 156 एपिसोड प्रसारित हुए।
- बीस शहरों में ऊर्जा संरक्षण के संदेशों के साथ 100 बिल बोर्ड प्रदर्शित किए गए।
- देश भर में 900 से अधिक सिनेमा हॉलों में ऊर्जा संरक्षण पर वीडियो क्लिप दिखाए गए।
- पूरे भारत में एफएम चैनलों पर प्रदर्शनी, रेडियो स्पॉट / जिंगल्स प्रसारित किए गए।
- ब्यूरो के वेब पोर्टल, फेसबुक, यूट्यूब चैनल, ट्विटर हैंडल, इंस्टाग्राम को लगातार ऊर्जा संरक्षण के संदेश को प्रसारित करने के लिए अपडेट किया गया था।
- विद्युत मंत्रालय / बीईई द्वारा ऊर्जा दक्षता पर झांकी 26 जनवरी, 2018 के लिए अंतिम चयन स्तर तक पहुंच गई।
स्कूल जागरूकता कार्यक्रम
छात्र क्षमता निर्माण कार्यक्रम / छात्र जागरूकता
विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार ने 17 मई 2013 के पत्र के माध्यम से, भारत के राष्ट्रपति द्वारा बारहवीं पंचवर्षीय योजना के लिए ऊर्जा संरक्षण जागरूकता, पुरस्कार और पेंटिंग प्रतियोगिता के लिए मंजूरी दी। इस मंजूरी में जागरूकता कार्यक्रम के तहत ऊर्जा दक्षता के लिए छात्र क्षमता निर्माण शामिल है। सामान्य जागरूकता के अलावा अन्य, विशिष्ट निम्नानुसार थे:
- राज्य शिक्षा बोर्डों के स्कूल पाठ्यक्रम और एनसीईआरटी पुस्तकों में 6 वीं से 10 वीं कक्षा में ऊर्जा दक्षता पर अध्याय शामिल करना।
- स्कूल शिक्षा बोर्डों के पाठ्यक्रम / पुस्तकों में ऊर्जा दक्षता और ऊर्जा संरक्षण पर मॉड्यूल का समावेश/परिचय।
- अध्यापकों, ऊर्जा व्यावसायिकों और तकनीकी स्टाफ का प्रशिक्षण, कौशल उन्नयन। पंप, बॉयलर / हीटर / चिलर / पंखे इत्यादि जैसी उपयोगिताओं के दक्ष उपयोग के लिए टिप शीट / फ्लायर का विकास।
- आईटीआई / डिप्लोमा इंजीनियरिंग कॉलेजों में वाद-विवाद गतिविधियाँ और स्कूल स्तर पर प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम
- इको / ऊर्जा क्लबों की शुरूआत / दोहराव/ सुदृढ़ीकरण।
राज्य नामित एजेंसियों (एसडीएएस) को उनके संबंधित राज्यों में जागरूकता कार्यक्रमों को लागू करने के लिए समर्थन दिया गया था। 19 स्कूलों में 2224 ऊर्जा क्लब स्थापित किए गए / सुदृढ़ बनाए गए हैं।