उद्देश्य

इस योजना का उद्देश्य भारत में ऊर्जा दक्षता को बढ़ाना है, एमएसएमई क्षेत्रों में ऊर्जा संरक्षण के लिए ऊर्जा दक्षता उपायों और प्रौद्योगिकियों को अपनाने में तेजी लाना है। ज्ञान साझा करने, क्षमता निर्माण, दक्ष प्रौद्योगिकियों के निष्‍पादन और उपायों और उपयुक्त वित्तीय तंत्र द्वारा उपयुक्त हैंड-होल्डिंग सेवाओं के साथ एमएसएमई को मजबूत करना।

पृष्ठभूमि

चीन के बाद भारत दुनिया में एमएसएमई के लिए दूसरा सबसे बड़ा मेजबान देश है। भारतीय एमएसएमई क्षेत्र अपने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के माध्यम से सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 29% योगदान देता है और विनिर्माण उत्पादन का 45 प्रतिशत और निर्यात का 40 प्रतिशत का योगदान देता है। एमएसएमई बड़े उद्योग के साथ मूल्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और यह क्षेत्र कृषि के बाद रोजगार का सबसे बड़ा हिस्सा भी उपलब्‍ध कराता है। 2019 तक, यह क्षेत्र 110 मिलियन कर्मचारियों (50 मिलियन ग्रामीण आधारित) की आय का स्रोत रहा है। औद्योगिक क्षेत्र के एक अभिन्न अंग के रूप में, प्रतिष्ठान क्लस्टर में कार्यशील हैं, और उद्यम आकार और उत्पादन पैमाने के साथ विषम प्रकृति के हैं। एमएसएमई मंत्रालय के अनुसार, भारत में लगभग 6.3 करोड़ एमएसएमई इकाइयाँ परिचालन में हैं।

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योजना के तहत कार्यक्रमों की मुख्य विशेषताएं

एमएसएमई की कार्यशैली और हितों को देखते हुए, ब्यूरो ने कार्यकलाप के कार्यनीतिक क्षेत्रों की योजना बनाई है जहां सहायता आवश्यक है,

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कार्यक्रमों की विशेषताएं 

स्थापना के दौरान, 12 क्षेत्रों के 35 ऊर्जा गहन एसएमई समूहों में प्रौद्योगिकी के अभाव का मूल्यांकन अध्ययन करने के साथ बीईई की कार्यक्रम संबंधी पहल शुरू हुई। इस योजना ने पूरे क्षेत्र में प्रौद्योगिकियों का आगे अनुकरण करने के लिए 4 चयनित समूहों की 21 यूनिटों में ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन को लागू किया। सर्वोत्तम प्रथाओं पर कई केस स्‍टडी, ऊर्जा दक्षता और प्रौद्योगिकियों पर ट्यूटोरियल विकसित किए गए और जानकारी प्रदान करने के लिए उन्‍हें व्यापक रूप से प्रसारित किया गया।

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मार्च 2017 तक कार्यक्रम की उपलब्धियां

  1. तकनीकी अंतर विश्लेषण और एलएसपी का सुदृढ़ीकरण – उपर्युक्‍त कार्यकलापों से ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकियों को सूचीबद्ध करने वाली 375 प्रौद्योगिकी विशिष्ट विश्‍वसनीय डीपीआर तैयार की गई हैं, जिन्हें 12 एसएमई क्षेत्रों से संबंधित 35 ऊर्जा गहन एसएमई समूहों में आयोजित एक प्रौद्योगिकी की कमी का मूल्यांकन अध्ययन करके पहचाना गया था (सूची अनुलग्नक–क में संलग्न है)। ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकियों को समूहों में प्रदान करने के लिए स्थानीय सेवा प्रदाताओं की भी पहचान की गई थी, विशेष रूप से भारत के एसएमई समूहों में ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए विभिन्न हितधारकों को आकर्षित करने के लिए आधारभूत रिपोर्ट के रूप में कार्य करने के लिए विस्तृत समूह विशिष्ट नियमावलियां तैयार की गई थीं।

  1. एसएमई क्षेत्र में बड़ी क्षमता को उजागर करना : बीईई ने पूरे क्षेत्र में प्रौद्योगिकियों का आगे अनुकरण करने के लिए 4 चयनित समूहों की 21 यूनिटों में डेमो परियोजनाओं के रूप में ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकियों को लागू किया है। इन समूहों की सूची अनुलग्नक-ख में दी गई है। इन प्रौद्योगिकियों को लागू करने से 4 समूहों में 74,824 टीओई की अनुकरणीय क्षमता के साथ प्रतिवर्ष 1100 से अधिक टीओई की बचत हुई है।

  1. सर्वोत्तम संचालन पद्धतियां और सामान्य निगरानी योग्य मानदंड - ऊर्जा दक्षता के प्रति व्यवहारिक परिवर्तनों को बढ़ाने के लिए, एसएमई उद्यमियों के परामर्श से सर्वोत्तम संचालन प्रथाओं, सामान्य निगरानी योग्य मापदंड, केस स्टडी जैसे दस्तावेज बनाए गए थे। इन दस्तावेजों को इन समूहों के एसएमई को भी परिचालित किया जाता है।

  1. ईई प्रौद्योगिकियों का प्रसार और जागरूकता: एसएमई क्षेत्रों में उपलब्ध ऊर्जा दक्ष प्रौद्योगिकियों के प्रसार के लिए एसएमई समूहों में 60 से अधिक क्षमता निर्माण-सह-ज्ञान प्रसार कार्यक्रम आयोजित किए गए। परिवर्तनकारी परिणाम प्राप्‍त करने के लिए परियोजना को आगे बढ़ाने हेतु प्रमुख हितधारकों के परामर्श से एसएमई में ऊर्जा दक्षता पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन भी आयोजित किया गया था।

  1. स्थानीय सेवा प्रदाताओं और आपूर्तिकर्ताओं की पहचान: समूहों में पहचानी गई प्रौद्योगिकियों का अनुकरण सुनिश्चित करने के लिए 5 समूहों में सेवाओं और विभिन्न प्रौद्योगिकियों की आपूर्ति का प्रस्‍ताव देने के लिए लगभग 70 स्थानीय सेवा प्रदाताओं की पहचान की गई थी।

  1. मल्टीमीडिया शिक्षा दृष्टिकोण - एसएमई उद्यमियों के बीच कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से ऊर्जा दक्षता के ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए, छह मल्टीमीडिया ट्यूटोरियल विकसित किए गए हैं। इन ट्यूटोरियल में वास्तविक तकनीकी-आर्थिक विश्लेषण और बचत के तरीके भी शामिल हैं जिसे प्रौद्योगिकी को अपनाने के बाद प्राप्‍त किया जा सकता है। अधिक एसएमई क्षेत्रों को कवर करने के लिए, पचास मल्टीमीडिया ट्यूटोरियल विकसित किए जा रहे हैं।

उपभोक्ताओं/ भागीदारों के लिए महत्वपूर्ण सूचना और उपयोगी लिंक (एसएमई)

संबंधित अधिकारियों के संपर्क विवरण

क्र.सं.

कार्यक्रम अधिकारी

संबंधित क्षेत्र

सम्पर्क करने का विवरण

ईमेल

1

श्री सुनील कुमार वर्मा, निदेशक

एसएमई

011-26766700

sk[dot]verma[at]beeindia[dot]gov[dot]in

2

श्री पी. श्याम सुंदर,  संयुक्त निदेशक

एसएमई

011-26766700

pshyam[dot]sunder[at]beeindia[dot]gov[dot]in