ऊर्जा दक्षता बाजार का कुल अनुमानित आकार 74,000 करोड़ रुपए है। अब तक, इस बाजार का केवल 5% ईएससीओ मोड के माध्यम से मुख्य रूप से प्रकाश और कुछ औद्योगिक अनुप्रयोगों के क्षेत्रों में दोहन किया गया है और ऊर्जा दक्षता के बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन को कई महत्वपूर्ण विनियामक, संस्थागत और वित्तपोषण बाधाओं से नियंत्रित किया गया है। ऊर्जा सेवा कंपनियों (ईएससीओ) द्वारा कार्यान्वित प्रदर्शन अनुबंध की अवधारणा को तेजी से ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं के बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन में बाधा को दूर करने के लिए एक तंत्र के रूप में माना जा रहा है। तथापि, इस तथ्य के बावजूद कि विकासशील राष्ट्रों में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में प्रदर्शन अनुबंध के अनुप्रयोग की संभावना बहुत अधिक है, फिर भी देश में ईएससीओ उद्योग की वृद्धि विशेष रूप से धीमी रही है। एक व्यवहार्य ईएससीओ उद्योग विकसित करने तथा ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं के कार्यान्वयन की सुविधा के लिए, ऊर्जा मंत्रालय ने एनटीपीसी लिमिटेड, पीएफसी, आरईसी और पॉवरग्रिड के एक संयुक्त उद्यम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) की स्थापना की है। ईईएसएल ईएससीओ, सीडीएम, ऊर्जा दक्षता, आदि के लिए परामर्श संगठन के रूप में; एसडीएएस, यूटिलिटीज, वित्तीय संस्थानों आदि की क्षमता निर्माण के लिए एक संसाधन केंद्र के रूप में काम करेगा तथा ईईएसएल एनएमईईई के बाजार संबंधी कार्यों का नेतृत्व करेगा। यह 10 दिसंबर 2009 को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत पंजीकृत है और 11 फरवरी 2010 से व्यापार प्रमाण-पत्र प्राप्त करना शुरू हुआ है। यह दक्षिण एशिया में और विशेष रूप से दुनिया में ऊर्जा दक्षता कार्यान्वयन के क्षेत्र में ऐसी पहली कंपनी होगी।
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