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  • एल्युमीनियम क्षेत्र में नामित उपभोक्ता बनने के लिए निर्धारित सीमा 7500 टीओई है और पीएटी चक्र-I में ओडिशा, कर्नाटक, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के 10 नामित उपभोक्ताओं को अधिसूचित किया गया है और उनके लक्ष्य पहले ही अधिसूचित किए जा चुके हैं।
  • पीएटी चक्र-I के तहत उपलब्धियां: एल्युमीनियम क्षेत्र के तहत की गई बचत 0.730 मिलियन टीओई है, जो 10 एल्युमीनियम क्षेत्र नामित उपभोक्‍ताओं के लिए अधिसूचित बचत लक्ष्य से लगभग 60% अधिक है। इसे प्राप्त करने के लिए, नामित उपभोक्‍ताओं ने विभिन्न ऊर्जा संरक्षण उपायों में 140 करोड़ रुपए का निवेश किया है। बचत विवरण नीचे तालिका में दिखाया गया है:

तालिका 2: एल्युमीनियम क्षेत्र में ऊर्जा की बचत

क्र.सं. क्षेत्र अधिसूचित डीसी ऊर्जा की खपत (एमटीओई) लक्ष्य (एमटीओई) प्राप्‍ति (एमटीओई) 0% वृद्धि
1. एल्‍युमीनियम 1. 7.71 0.456 0.730 60%
 
  • सर्वोत्तम प्रथाएं & प्रौद्योगिकी उन्नयन:
लक्ष्य प्राप्त करने के लिए, नामित उपभोक्ताओं ने विभिन्न परियोजनाओं को चालू किया है; इसमें से कुछ सर्वोत्तम प्रथाएं हैं जिन्हें पीएटी चक्र-1 के दौरान स्‍थापित किया गया था। नीचे सर्वोत्तम प्रथाओं की सूची दी गई है जिनका पालन किया गया था:
  • बर्तनों में स्लॉटेड एनोड का प्रयोग
  • कंडक्टर जोड़ों पर वोल्टेज ड्रॉप को कम करने के लिए पर्यावरण संपर्क
  • भट्ठी के अंदर डोजिंग के लिए स्व-विकसित ईंधन "क्रिस्टल" योजक का उपयोग
  • इंटेलिजेंट सूट ब्‍लोइंग सिस्‍टम प्रणाली के अंदर डोजिंग हेतु "स्‍टाल" योजक
  • वीएफडी की स्थापना
  • उच्च दक्ष स्‍क्रू कंप्रेसर की स्थापना

इन प्रौद्योगिकियों के अलावा, व्यवहार परिवर्तन भी देखे गए। संयंत्रों ने आवश्‍यकता के अनुसार कूलिंग टॉवर पंखे बंद किए, सर्विस एयर सिस्टम में ड्रायर को बंद किया, पंपों को आपस में जोड़ा, दक्ष पंपिंग प्रणाली की स्‍थापना, संपीड़ित वायु प्रणाली में सुधार, सीपीपी का आरएंडएम, अनुकूलन, बोकेला आशोधन आदि जैसे बेहतर परिचालन प्रथाओं का विकल्प चुना।

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